Yogi Adityanath in Mathura

Akhilesh Yadav in Agraयह पूरी तरह सच है कि दिल्ली या यूं कहें कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। यही वजह है कि सभी सियासी पार्टियों की निगाह भाजपा के इस रास्ते को रोकने में पूरी तरह लगी दिखाई दे रही है।

लेकिन भाजपा से जुड़े लोग इस मार्ग को तेजी के साथ साफ करने में लगी भी दिखाई देते हैं। वक्त पर इस रास्ते को पार करते हुए कौन दिल्ली पहुंचेगा, यह अभी दूर की कौड़ी है। अभी तो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को पार करना है जिसमें तन – मन – धन से विभिन्न पार्टियों के सियासी नेता लगे हुए हैं, और उत्तर रपदेश की जनता को लॉलीपॉप देने से भी नहीं चूकते।

कोरोना वायरस के आने और फिर वापस जाने में लगभग दो साल बीत गए। इस बीच हजारों परिवार अपनी रोजी – रोटी और परिवारीजनों को खोकर बर्बाद हो गए। चुनाव आने पर विभिन्न सियासी पार्टियों के लोग 8 – 10 माह बाद मृतकों के परिवारी जनों के प्रति सहानुभूति जताने पधारने लगे हैं। इसका उदाहरण सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के हालिया आगरा दौरे से दिया जा सकता है। 8  – 9 अगस्त को आगरा पधार कर अखिलेश उन मृतकों के घर गए जो सपा से जुड़े रहे और कोरोना की भेंट चढ़ गए। इसी तरह की नौटंकी विभिन्न सियासी पार्टियों के सुप्रीमो भी करने की फ़िराक में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जतना इन सियासी लोगों की चालों को समझने लगी है। 

Yogi Adityanath in Mathuraएक वरिष्ठ बुद्धिजीवी ने इस सन्दर्भ में बताया कि इस नौटंकी से सबसे ज्यादा परेशान भाजपा ही दिखाई दे रही है। जबकि भाजपा को साधने एवं पुनः सत्ता में लाने के लिए संघ के कार्यकर्ता की पूरी तरह लगे दिखाई दे रहे हैं।

शायद इसी को दृष्टिगत रखते हुए आज सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आगरा मंडल के मैनपुरी जिले में स्पष्ट शब्दों में कहा कि संघ केवल भाजपा का राजनीतिक प्रकोष्ठ है।  2022 में भाजपा को विकास और रोजगार के मुद्दों पर ध्यान नहीं देना है क्योंकि भाजपा दुनिया की सबसे झूठी और मक्कार पार्टी है। भाजपा ने अपने संकल्प का आज तक कोई काम पूरा नहीं किया है, उसने अपने संकल्प पत्र को जनता को दिखाने के बाद ही कूड़ेदान में फेंक दिया था और अब दुसरे मुद्दों पर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

अखिलेश ने कहा कि अभी तक न तो गंगा / यमुना साफ़ हुई हैं और न ही गाय को सम्मान मिला है। राष्ट्र सर्वोपरि होने का दावा करने वाली भाजपा राष्ट्र की संपत्ति को निजी हाथों में बेच रही है। केंद्र और प्रदेश सरकार पर तंज कस्ते हुए अखिलेश ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के ड्राइवर भाग गए हैं। डबल इंजन की सरकार चलाने वालों को विकास कतई दिखाई नहीं देता है, या फिर यह विकास करना ही नहीं चाहते हैं।

जब अखिलेश से प्रश्न किया गया कि क्या 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सपा को असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) का साथ मिल सकता है, तो इस प्रश्न को अखिलेश ने टालते हुए केवल इतना कहा कि “तेल देखिये और तेल की धार देखिये”। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता समीर ने बताया कि मुस्लिम वर्ग में यह चर्चा तेजी से चल पड़ी है कि 2022 में अखिलेश और ओवैसी मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

लेकिन यह सच्चाई भी किसी से छिपी नहीं है कि ओवैसी अपनी स्थिति को बंगाल में भांप चुके है और अब कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहते जिससे उन्हें उत्तर प्रदेश में पैर पसारने में कठिनाई आये। ऐसे में अखिलेश से हाथ मिलाना ही ओवैसी को मुफीद जान पड़ रहा है, हालांकि इस सम्बन्ध में अखिलेश ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

Prime Minister Narendra Modi

उधर भाजपा में उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर चिंतन – मंथन बराबर चल रहा है। 14 सितम्बर को खुद प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ पधारने वाले हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी अलीगढ़ में 2022 के चुनाव पर अवश्य बोलेंगे। वैसे भी अब हर माह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा मंडल के हर जिले में घुमते हुए और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए नजर आ रहे हैं।

इस सम्बन्ध में एक स्थानीय निवासी का कहना था कि जिस परिवार के लोग आगरा या अन्य जिलों में ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन की काला बाजारी से मरे हैं, क्या वह परिवार उस स्थिति को एवं सरकारी कमियों को भूल सकते हैं? इसके अलावा गृहणियों का बजट इस भीषण महंगाई ने पूरी तरह बिगाड़ दिया है। गैस का सिलेंडर लगभग 1000/- का मिलने लगा है। क्या इसको भी नजरअंदाज किया जा सकता है? देश / प्रदेश की जनता उन सब स्थितियों को बारीक आँखों से देख रही है और समय आने पर उचित कदम उठाने से नहीं चूकेगी।

S Qureshi