Yogi Adityanath in Firozabad

Firozabad mystery feverहर परिवार चाहता है कि उसके बच्चे हर तरह से महफूज रहे, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी ब्रज क्षेत्र में फैले रहस्य्मय बुखार का प्रकोप रुक नहीं पा रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशान फ़िरोज़ाबाद जिले के लोग दिखाई दे रहे हैं। दूसरे स्थान पर मथुरा जिला है।

एक सर्वेक्षण के दौरान देखने को मिला कि फ़िरोज़ाबाद की बस्ती नगला अमान की गलियों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था। चौपाल पर ही कुछ लोग बैठे हुए दिखाई दिए लेकिन वह पूरी तरह खामोश थे। उनके चेहरों से स्पष्ट रूप से दिख रहा था कि वह बुरी तरह घबराये हुए हैं।

आसपास के घर सूने दिखाई दे रहे थे, बच्चों की किलकारियां सुनाई नहीं दे रही थीं। केवल दर्द भरी आहें सुनाई दे रही थीं। यह वही गांव है जहाँ इस रहस्यमय बुखार से पहली मौत हुई थी। इसके बाद इस बीमारी ने पूरे गांव को ही चपेट में ले लिया था। यह गांव जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर है। सबसे पहले इस गांव में 14 अगस्त को शिव नंदन नामक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। तब से यहाँ 8 लोग मर चुके हैं और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन सभी की मौत संदिग्ध डेंगू संक्रमण से हुई थी।Yogi Adityanath in Firozabad

फ़िरोज़ाबाद के अनेक लोगों ने बताया कि इस बुखार के बेकाबू होने की वजह से हम सपरिवार फ़िरोज़ाबाद जिला छोड़ने का मन बना चुके हैं जिससे इस बीमारी से परिवार के सदस्यों को बचाया जा सके। एक स्थानीय निवासी का कहना था कि लगातार हो रही मौतों और सरकारी लापरवाही के चलते सुहागनगरी ( फ़िरोज़ाबाद ) के बाशिंदों को इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं।

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। पिछले कुछ दिनों में 79 लोग अपनी जान गँवा चुके हैं, जिनमें से लगभग 60 बच्चे हैं, हालांकि सरकारी आंकड़ों में केवल 50 मौतें दर्ज हैं।  अपने बच्चों को बीमारी से बचाये रखने के लिए यहाँ के ज्यादातर लोग आगरा, एटा, मथुरा, मैनपुरी और अलीगढ़ की ओर पलायन करने लगे हैं, पत्नी और बच्चों को उनके ननिहाल भी भेज रहे हैं।

फ़िरोज़ाबाद के ग्रामीण क्षेत्र जैसे नगला अमान, कपावली, दरिगपुर, सिरमई के घर – घर में इसी रहस्य्मय बुखार के मरीज नजर आये। इसका मुख्य कारण दिखाई दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी का बुरा हाल है। चारों तरफ कूड़ा नजर आ रहा है, नाले – नालियां बंद पड़ी हैं और रास्तों – खाली जमीनों में जलभराव हो रहा है।

फ़िरोज़ाबाद के समस्त अस्पतालों में फिलहाल इतनी भीड़ है कि इलाज के लिए और डॉक्टर को दिखाने के लिए कई-कई घंटे इन्तजार करना पड़ रहा है लेकिन अस्पतालों में दवाइयों का अभाव है और तीमारदारों को बाजार से दवा लानी पड़ रही है। निजी अस्पतालों में भी भीड़ का आलम है, और इलाज बहुत महँगा होने के कारण अधिकाँश जनता की पहुँच से बाहर भी हैं। फ़िरोज़ाबाद के अस्पतालों में जगह न मिलने पर मरीज समीपवर्ती आगरा के अस्पतालों में भी लाये जा रहे हैं।

कुल मिलाकर फ़िरोज़ाबाद में स्थिति विस्फोटक हो चली है। अगर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग जल्दी ही इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लगा पाया, तो इसको महामारी का रूप लेने से कोई रोक नहीं सकेगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस बीमारी के नियंत्रण से बाहर होने के पीछे स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही जिम्मेदार है। सभी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वैक्सीनेशन और उससे जुड़े कार्यों में व्यस्त थे और इस बीमारी धीरे – धीरे जिले में अपने पैर पसार रही थी। जब तक स्वास्थ्य विभाग चेतता, तब तक देर हो चुकी थी और बीमारी नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।

S Qureshi