कोरोना काल में पहली लहर में 188 दिन और दूसरी लहर में 61 दिन बंद रहने के बाद जून में ताजमहल खुला तो तीन महीने के अंदर ही देशभर के सैलानियों का रुख फिर से ताजमहल की ओर हो चुका है। वहीं इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू न होने के कारण विदेशी पर्यटन नहीं आ पा रहे है। पिछले साल 15 मार्च को ताजमहल के दरवाजे सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए थे। तब तक ताजमहल पर 9 लाख विदेशी और 70 लाख भारतीय पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे। कोरोना के 18 माह बाद ताजमहल खुलने से यह हिंदुस्तानी पर्यटकों पर ही निर्भर है। विदेशी सैलानी न आने से पंचसितारा होटल, एम्पोरियम, हस्तशिल्प, गाइड, टूर ऑपरेटर पर बुरा असर पड़ा है। पर्यटन उद्योग का मानना है कि इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने के 6 माह बाद आगरा का पर्यटन उद्योग पहले की तरह उड़ान भरने लगेगा।
कोरोना काल में बीते साल पर्यटन दिवस पर सन्नाटा रहा था, लेकिन इस बार कोरोना के केस कम होने के कारण पर्यटन उद्यमियों ने किले के पास सैलानियों का स्वागत, सम्मान किया। विश्व पर्यटन दिवस पर सोमवार को आगरा आने वाले सैलानियों का स्वागत फूलमालाओं से हुआ। आगरा किले के सामने होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सैलानियों पर फूल बरसाए और आगरा कि पहचान पेठा खिलाकर मुंह मीठा कराया। होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान, संजीव जैन, माधव मोहन बंसल, राजेश कालिया, संजीव भारती, दीपक गुप्ता, राजकुमार खंडेलवाल, संजय सिंह, अजय भार्गव, अंकित बंसल, विकास कश्यप, चंद्र मोहन खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।