Firozabad father carries son's dead body on shoulder

Firozabad father carries son's dead body on shoulderजिस घर का कोई सदस्य मरता है उस परिवार पर क्या गुजरती है यह उस परिवार के सिवाय कोई और नहीं समझ सकता। सबसे अफसोसजनक और शर्मनाक घटना वह होती है कि जिस पिता का बेटा अस्पताल में दम तोड़ देता है, उस पिता को उसका शव सिर्फ इसलिए अपने कंधे पर उठाकर चलना पड़ता है क्योंकि इतने बड़े अस्पताल के पास न तो शव को घर पहुंचाने का इंतजाम था और न ही शव को उठाने के लिए कोई स्टाफ।

मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना आगरा मंडल के फ़िरोज़ाबाद जिले के अस्पताल में देखने को मिली जब हॉस्पिटल में 5 वर्ष के बच्चे की मौत होने के बाद उसका पिता शव को कंधे पर लेकर हॉस्पिटल से घर की ओर पैदल ही निकल पड़ा। हॉस्पिटल के गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जब यह मंजर देखा तो आनन- फानन में एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गयी जिसमें बच्चे के शव को घर पहुंचाया गया।

बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चे के शव को अस्पताल की दूसरी मंजिल से नीचे लाने के लिए  हॉस्पिटल स्टाफ ने स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराई और शव ले जाने को बोल दिया। ऐसे में बेबस पिता अपने पुत्र के शव को कंधे पर उठाकर आँखों में आंसू भरे सीढ़ियों से ही नीचे ले गया। यह नजारा देखकर हर किसी की आँखें नम दिखाई दीं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्बला में गली नं0 7 निवासी ऋतिक पुत्र राजकुमार डेंगू से पीड़ित था। परिजन उपचार के लिए निजी अस्पताल ने गए थे। डॉक्टरों ने बच्चे के इलाज का खर्चा अधिक बताया और उसे सरकारी अस्पताल ले जाने को कह दिया। बच्चे के परिवारीजन जब जिले के 100 शैया अस्पताल में बच्चे को लेकर पहुंचे तो वहां इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। बेटे की मौत के बाद माँ – बाप का मानो कलेजा फट गया और दोनों की आँखों से आंसुओं की धार फूट पड़ी।

हॉस्पिटल ने कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव माँ – बाप के सुपुर्द कर दिया। अस्पताल में तैनात स्टाफ ने बच्चे के शव को नीचे लाने के लिए स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराई जिसके बाद पिता राजकुमार अपने बच्चे के शव को कंधे पर लेकर ही चल पड़ा। अपने लाल का शव बाप के कंधे पर देख कर बच्चे की माँ दहाड़ें मार मार कर रो रही थी।

अस्पताल के  गेट के बाहर आते ही वहाँ मजमा लगता देख अस्पताल स्टाफ और वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी हरकत में आये। आनन फानन में उसके लिए एंबुलेंस मुहैया कराई गई तब जाकर शव को पिता परिवार के साथ घर लेकर घर रवाना हुआ।

इस घटना पर टिप्पणी करते हुए हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या अस्पताल स्टाफ की मानवीय संवेदनाएं मर गई थीं? उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस घटना का संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने फ़िरोज़ाबाद की सामाजिक संस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर जिले की सामजिक संस्थाएं आगरा की संस्थाओं की तरह अपना धर्म निभा रही होतीं तो ऐसी दुःखद घटना होती ही नहीं।

S Qureshi