आगरा के सुनारी गांव में बन रहे आईटी पार्क के ग्रह फिलहाल गर्दिश में ही चलते नजर आ रहे हैं। आगरा के आईटी उद्योग से जुड़े लोगों और सिविल सोसाइटी की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी आईटी पार्क के पूरे होने में 6 महीने से अधिक समय लगने की आशंका जताई जा रही है।
जहाँ सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया ( एसटीपीआई ) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व सह रजिस्ट्रार राकेश गैरोला ने दावा किया है कि दिसंबर 2021 तक आईटी पार्क तैयार हो जाएगा, वहीं स्थानीय आईटी विशेषज्ञों और नेशनल चेंबर के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल के अनुसार अभी आईटी पार्क में इतना काम बचा है कि दिसंबर 2021 तक इसका पूरा होना संभव नहीं है और दिसंबर के बाद अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गयी तो फिर चुनाव पूर्ण होने तक यह परियोजना लटकी ही रहेगी।
इस निर्माणाधीन आईटी पार्क के पूर्ण होने की डेडलाइन पहली बार नहीं बढ़ी है, बल्कि यह चौथी बार है। पिछले साल और इस साल के कुछ महीनों में कोविड महामारी की वजह से इसके निर्माणकार्य पर ब्रेक लगे रहे जिसके बाद स्थानीय पत्रकार राजीव सक्सेना ने इस परियोजना पर स्थिति स्पष्ट नहीं किये जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराइ थी। इसके जवाब में सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया ( एसटीपीआई ) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व सह रजिस्ट्रार राकेश गैरोला ने पत्र भेजकर जानकारी दी कि आईटी पार्क की साइट पर बाह्य विकास व सिविल इंफ्रास्टक्चर का काम पूरा हो चुका है। साज सज्जा के लिए निष्पादन एजेंसी की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है जो नवम्बर में पूरी हो जाएगी और इस पूरी परियोजना का कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण हो जाएगा।
ज्ञात हो कि जनवरी 2021 में इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने पार्क का निरीक्षण किया था। तब उन्होंने मार्च 2021 तक पार्क में काम शुरू होने का दावा किया था, लेकिन 6 महीने बीतने के बाद भी पार्क पूरा नहीं हुआ।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट विशेषज्ञ ऋषभ शर्मा का कहना था कि आगरा के आईटी पार्क के शुरू होने में लगातार हो रही देरी की वजह से नगर के आईटी उद्योग की प्रगति रुकी पड़ी है। प्रदूषण से जुड़ी पाबंदियों के कारण आगरा में केवल गैर प्रदूषणकारी उद्योग ही लगाए जा सकते हैं और ऐसे में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट आगरा के लिए सबसे अच्छा उपक्रम रहेगा। शहर में मौजूद तमाम इंजीनियरिंग कॉलेजों से हर वर्ष सैकड़ों आईटी प्रोफेशनल्स पास होते हैं लेकिन आगरा में अच्छी जॉब उपलब्ध न होने के कारण उन्हें यहाँ से किसी दूसरे शहर जाना पड़ता है। अगर 1-2 अच्छे आईटी पार्क आगरा में ही बन जाएँ तो नगर से प्रतिभा का पलायन काफी हद तक रुक जाएगा।