ईश्वर ने मानव को बनाकर उसे धरती पर भेजा साथ में उसके अंदर मानवीय गुणों का भी समावेश किया ताकि एक सक्षम मानव दूसरे मानव जो रोगी है., भूखा है, आश्रय रहित है उसकी भलाई के लिए सेवा करने का काम सौंपा|
मानवतावादी मिशन दया, सहानुभूति, निष्पक्षता, तटस्थता और स्वतंत्रता सहित कई संस्थापक सिद्धांतों पर आधारित है। मानवतावादी सहायता कर्मी आपदा प्रभावित समूहों को राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति या किसी अन्य आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता करता हैं|.
अगर विश्व में यह मानव सेवा नहीं होती है तो माननीय शब्द का अर्थ ही खत्म हो जाता| आज कोविड-19 की महामारी और तालिबान द्वारा आज अफगानिस्तान के साथ जो अमानवीय कृत हो रहे हैं उसे देखते हुए मानवता एक बार फिर शर्मसार हो रही है |पहले जिस प्रकार मानव को सजा के लिए अमानवीय दंड प्रावधान था| अफगानिस्तान की घटना के सामने वह बहुत छोटा था ।
मानवता के द्वारा मानवीय काम करने वाले मानव कर्मियों उचित सम्मान देने हेतु यह दिवस 19 अगस्त को बनाया जाता है ताकि जिन मानवीय कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता के लिए अनेक कार्य करके मानवता को शर्मसार होने से बचाया है |
मानवतावादी दिवस मनाई जाने की शुरुआत जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2008 में शुरुआत की थी विश्व मानवतावादी दिवस (World Humanitarian Day) वर्ष 2013 से लगातार मनाया जा रहा है|
आज अफगनिस्तन की घटना के बाद 19 अगस्त वर्ष 2021 विश्व मानवतावादी दिवस की अहमियत को और बढ़ा दिया है|
इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रस्ताव के आधार पर निर्णय लिया गया| इसके अनुसार किसी भी आपातकाल की स्थिति में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आपस में सहायता के लिए मानवीय आधार की पहल की जा सकती है| विश्व मानवीय दिवस सन 2003 से संयुक्त राष्ट्र के बगदाद इराक स्थित मुख्यालय के हमले की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 19 अगस्त के दिन वर्ष 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर बमबारी हुई थी। इस बमबारी में इराक में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत सर्जियो विएरा डी मेल्लो समेत 22 अन्य मानवतावादी कर्मी मारे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र इस दिन को मानवता की सेवा करते हुए बलिदान हो जाने वाले लोगों की साहसिक कार्यों को याद रखने के दिन के रूप में घोषित किया है । संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यों के प्रमुख स्टीफन ओब्रायन के अनुसार “यह मानवीयता को याद करने और विश्व भर के उन हजारों मानवीय सहायता कर्मियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने संकट और घोर निराशा के बीच जरूरतमंद लोगों को जीवनरक्षक मदद मुहैया कराने के लिए अपनी जिंदगी जोखिम में डाली।
आज विश्व में जिस तरीके से आतंकवाद और हिंसा के वैश्विक खतरों के बीच कोविड-19 जैसी महामारी में माननीय कर्मियों के काम की काफी अहमियत हो गई है |सीरिया से लेकर दक्षिण सूडान और मालदीप से लेकर अफ्रीका की भुखमरी वाले इलाकों तक मानव कर्मियों का काम काफी अहम है| आतंक और हिंसा के संकट के बीच और अब अफगानिस्तान की घटना ने पूरे विश्व को हिला के रख दिया है ।विश्व भर के लोगों के लिए भोजन पानी स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए लाखों लोग रोज चुस्त हैं| इन लोगों की सहायता करने के लिए और उन्हें नया आयाम देने के लिए विश्व मानवता वादी दिवस (World Humanitarian Day) जैसे आयोजनों का महत्व भर दिया है|
विश्व मानवतावादी दिवस पर दुनियाभर के तमाम एनजीओ ,विश्वव्यापी संगठन रोटरी क्लब रोटरी इंटरनेशनल लायंस इंटरनेशनल जेंट्स ग्रुप राउंड टेबल और भारत विकास परिषद भारत आदि संगठन रैली निकालते हैं मानवता का पाठ पढ़ाते हैं और ज़रूरतमंद तबके को दीर्घकालीन पुनर्वास का प्रयास करते हैं| यह मिशन इस बात का भी संदेश देता है कि मानवीय सहायता कर्मियों का सम्मान किया जाना चाहिए|
आज विश्व के अगर सभी देश एक जुट नहीं होंगे तो मानवता व शांति जैसे शब्द का कोई मूल्य नही होगा ।आतंकवाद के प्रकोप से ना समाज बचेगा ना सहिष्णुता की बात करने वाले देश |
राजीव गुप्ता जनस्नेही कलम से
लोक स्वर आगरा
फोन नंबर 98370 97850
Email rajeevsir.taj@gmail.com
Note by the editor: The views, thoughts, and opinions expressed in this article belong solely to the author, and do not necessarily reflect the views of Agra24.in.