दो दिन की टालमटोल के बाद आखिरकार आगरा प्रशासन ने स्वीकार कर ही लिया कि शहर और देहात में सोमवार से बुधवार के बीच हुई दस मौतें जहरीली शराब (illicit liquor) पीने के कारण ही हुई थीं। अब नींद से जागने के बाद जहरीली और अवैध शराब के विक्रेताओं को चिन्हित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही तीन थाना प्रभारियों के साथ नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम कौलारा कलाँ, बरकुला और नगला देवरी में हुई मौतों के बाद हुए पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह स्पष्ट न होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने इन मौतों को अत्यधिक शराब पीने से हुई मौतें बताकर टालना शुरू कर दिया था लेकिन बुधवार शाम आई विसरा रिपोर्ट में जहरीली शराब से मौतें होना साबित होने के बाद पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ गया है क्योंकि अगर यह जहरीली शराब (illicit liquor) और लोगों ने भी खरीदी होगी तो मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
बुधवार सुबह से ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ग्राम कौलारा कलाँ में डेरा डाले हुए थे, वहाँ से अधिकारी देवरी भी गए थे और ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दिया था कि अगर जहरीली शराब (illicit liquor) का मामला निकला तो बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। एडीजी राजीव कृष्ण के निजी प्रयासों से जांच रिपोर्ट कुछ ही घंटों में मिल गई और रिपोर्ट आते ही संबंधित पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए। रात में थाना ताजगंज, डौकी और शमसाबाद के थाना प्रभारियों सहित नौ को निलंबित कर दिया गया। आबकारी विभाग के दो निरीक्षक और तीन सिपाहियों के निलंबन की संस्तुति की गई है।
निलंबित होने वालों में थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक उमेश चंद त्रिपाठी, चौकी इंचार्ज एकता कुलदीप मलिक, बीट सिपाही देवरी अरुण कुमार, थाना डौकी के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार, बीट सिपाही कौलारा कलां सोमवीर, मुख्य आरक्षी जंगजीत सिंह, शमसाबाद के एसओ राजकुमार गिरि, गांव गढ़ी जहान सिंह के बीट सिपाही उदयप्रताप और गांव महरमपुर के बीट सिपाही श्यामसुंदर हैं। जांच में सेक्टर तीन फतेहबाद के आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर सात ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश कुमार पांडेय , तीन आबकारी सिपाही विशाल कुमार शमसाबाद, राजेश कुमार शर्मा डौकी और अमरजीत तेवतिया ताजगंज को भी प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाया गया है। शराब की बिक्री कहां-कहां होती है, इसके लिए आबकारी निरीक्षक जिम्मेदार होते हैं। वह कार्रवाई करते हैं। उनकी लापरवाही से शराब बिक्री हुई। इनके निलंबन की संस्तुति की गई है।
एसएसपी मुनिराज जी. ने बताया कि जहरीली शराब (illicit liquor) से मौतों की पुष्टि हो गई। जिले में हर थाना क्षेत्र में छापेमारी चल रही है। दस टीमों का गठन किया गया है। डौकी के कौलारा कलां में ग्रामीणों ने ठेकों से शराब खरीदने की बात कही है, जबकि ताजगंज के नगला देवरी में गांव में ही रहने वाले पति-पत्नी पर शराब बेचने का आरोप लगाया है। शराब बेचने वाले तकरीबन 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें ठेकों के कई सेल्समैन भी शामिल हैं। कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। आगरा से बाहर भी टीम गई है।
आगरा में कई बार अवैध शराब के मामले पकड़े जा चुके हैं। पुलिस ने इस साल जुलाई तक 485 मुकदमे दर्ज किए थे। 606 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें अवैध शराब की बिक्री, कच्ची शराब बनाने वाले और फैक्टरी चलाने वाले आरोपी शामिल थे। तकरीबन 47 हजार लीटर से अधिक अवैध शराब की बरामदगी भी की जा चुकी है। इसके बावजूद शहर से लेकर गांव तक में अवैध और जहरीली शराब की बिक्री जारी है। इसकी पुष्टि मौतें करती हैं। थाना पुलिस को अधिकारी कई बार कार्रवाई के लिए निर्देशित कर चुके हैं। लगातार अभियान भी चलाया जाता है।