11 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार संभवत जनसंख्या रोकने को दृष्टिगत रखते हुए प्लान लाने जा रही है। कभी देश में यह नारा तेजी के साथ विकसित हुआ था कि ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ “दो बच्चे होते हैं घर में अच्छे” इन नारों पर देश प्रदेश की जनता ने कितना अमल किया यह सर्व विदित है।
अब योगी शासन में यह नारा पुनः शिक्षित करने का प्लान बनाया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर दो बच्चों से ज्यादा होंगे तो वह दंपत्ति सरकारी योजनाओं एवं सरकारी लाभ से वंचित होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार लेकिन कानून के दायरे में लाना उचित नहीं लगता। अगर किसी परिवार में दो लड़कियां ही पैदा होती हैं, और वह परिवार लड़का पैदा होने की ख्वाइश रखता है, तो उस स्थित में या तो पुत्र पैदा हो या सरकारी योजनाएं प्राप्त करने से महरूम रहे। सरकारी कर्मचारी तो बेचारा उन्नति भी नही कर पायेगा, और चौथे या तीसरे दर्जे का ही कर्मचारी बन कर रह जायेगा।
तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी के कार्य काल के समय उनके पुत्र स्व संजय गांधी ने पांच सूत्रीय प्रोग्राम देश की जनता के लिए लॉन्च किया था। उसी प्रोग्राम का एक सूत्र नसबंदी भी था। जिस को देश की जनता में पूरी तरह न मानते हुए चुनाव के वक़्त कांग्रेस सरकार को हो खत्म कर दिया था। इसलिए इस प्रोग्राम को लांच करने से पहले या कानून बनाने से पहले उत्तर प्रदेश शासन को गहराई से चिंतन और मंथन करना ही होगा। एक विशेष समुदाय तो इसे अल्लाह की देन समझता है।
डॉ सिराज क़ुरैशी
अध्यक्ष, हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था
एवं भारत सरकार द्वारा कबीर पुरुस्कार से सम्मानित।
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