अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस में से विश्व एथनिक दिवस है जो विश्व की संस्कृति के संरक्षण तथा उसे प्रचारित रखने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाना घोषित किया गया है |विश्व एथनिक दिवस विश्व विरासत दिवस से मिलता-जुलता तो है पर दोनों थोड़ा फर्क हैं| विरासत में संरक्षित किया जाता है जो हमारे पूर्वजों की देन है |एथनिक में विश्व भर के अलग-अलग क्षेत्रों की ऐतिहासिक विरासत सभ्यता कला और संस्कृति के संरक्षण के साथ प्रोत्साहित किया जाता है|
विश्व एथनिक दिवस के माध्यम से हमें अपनी जड़ों से दुबारा जुड़ने का अवसर मिलता है हम हमारी हो रही संस्कृति, कला और सभ्यता और कलाकारों के पलायन के दर्द को महसूस करते हैं| हमें इस को बचाने में जो खुशी मिलती है उसका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है |आज हमें कला और कलाकारों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि विश्व भर के साथ हम भारत के अलग-अलग क्षेत्रों की ऐतिहासिक विरासत, सभ्यता, मानव जाति, विज्ञान कला और संस्कृति के संरक्षण और उसे सही जीने के लिए जागरूकता फैलाएं| इसकी रक्षा करना बेहद जरूरी है क्योंकि हमारी संस्कृति हमारे लिए बेहद जरूरी होती है| हर व्यक्ति अपनी संस्कृति से जुड़कर ही तरक्की कर सकता है |
भारत में विभिन्न समुदायों के बीच बहुत सी विभिन्नताएं हैं परंतु इस विविधता में एकता को मनाने के लिए हम विश्व एथनिक दिवस मनाते हैं। भारत की संस्कृति बहुत ही समृद्ध है |यह विभिन्न धर्मों के साथ मिलकर रहते हैं| उनके अलग-अलग रीति रिवाज होते हैं अलग-अलग त्योहार होते हैं उनकी खुशियां मनाने का तरीका भी अलग होता है |हर धर्म में कोई ना कोई ऐसी बात जरूर होती है जो उस धर्म के सभी लोगों को जोड़ती है |यह उन्हें अन्य धर्मों से अलग बनाती है|यही नहीं भारत में अलग-अलग समुदाय और क्षेत्रीय संस्कृति भी विद्यमान है |
भारत में कहीं भांगड़ा तो कहीं गरबा कहीं भारतनाट्यम तो कहीं कत्थक कली |भारत की विशाल और विविध संस्कृति का महत्त्व पूरे विश्व को बताने के लिए तथा भारत की इस विविधता का जश्न मनाने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ उपाय है। कहा जाता है कि भारत की विविधता मे एकता को पूरे विश्व में सराहा जाता है और एक ना एक दिन भारत की संस्कृति का पालन पूरे विश्व में किया जाएगा।
भारतीय हिन्दी फ़िल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री विद्या बालन को एथनिक उत्पादों की ऑलनाइन कंपनी क्राफ्ट्सविला डॉट काम ने इस दिवस का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। अभिनेत्री विद्या बालन ने एक बयान में कहा कि- “विश्व एथनिक दिवस’ के माध्यम से हमें अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने का अवसर मिलता है।
राजीव गुप्ता जनस्नेही कलम से
लोक स्वर आगरा
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