पिछले महीने श्रीलंका तट के पास सिंगापुर (Singapore) के कंटेनर जहाज में आग लग गई थी और 13 दिनों तक जलते रहने के बाद सिंगापुर का मालवाहक जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल (X-Press Pearl) डूब गया था। अब इसके मालिक ने भारत और कतर देशों पर असहयोग का आरोप लगाया है जिसके कारण जहाज में आग लगी और लगातार जलने के बाद आखिर यह एकदम नया जहाज हिन्द महासागर में डूब गया था।
2700 टन क्षमता वाले केवल तीन माह पुराने एमवी एक्स-प्रेस पर्ल (X-Press Pearl) की मालिक कंपनी एक्स-प्रैस फीडर्स के कार्यकारी अध्यक्ष टिम हार्टनेल ने आरोप लगाया है कि फरवरी माह में ही चीन में बने इस जहाज के कर्मचारियों ने रिसाव का पता लगते ही कतर के हमाद बन्दरगाह और भारत के हजीरा बन्दरगाह को संपर्क कर रिसते कंटेनर को उतारने की इजाजत मांगी थी लेकिन दोनों ही देशों ने यह इजाजत नहीं दी जिसके कारण यह हादसा हुआ। अगर रिसता हुआ कंटेनर भारत या क़तर में उतार लिया जाता तो जहाज पर सवार कर्मचारियों की जान को इतना खतरा न हुआ होता और जहाज को भी बचाया जा सकता था।
अब भारतीय नौसेना ने अपने हाइड्रोग्राफिक जहाज से श्रीलंका के तट पर उस जगह गहरे पानी के भीतर सर्वेक्षण शुरू किया है। भारत ने श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर आईएनएस सर्वेक्षक के साथ यह अभियान शुरू करके खोजबीन के दौरान बड़ी संख्या में जलमग्न वस्तुओं का पता लगाया है, जो इस क्षेत्र में नौ-परिवहन और पर्यावरण के लिए खतरा साबित हो सकती हैं।
कब हुआ हादसा
सिंगापुर के कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल (X-Press Pearl) ने कतर और दुबई से 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायनों सहित 1,486 कंटेनर लोड किए गए थे। इसके बाद 15 मई को गुजरात के हजीरा बंदरगाह से कोलंबो जा रहा था, तभी कोलंबो बंदरगाह से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर खराब मौसम के कारण कई कंटेनर ढहकर जहाज पर ही गिर पड़े और उनमें एक विस्फोट के बाद आग लग गई। सूत्रों ने बताया है कि उपरोक्त जहाज में यह घातक रसायन पहले से ही लीक कर रहे थे और जहाज को रिसते हुए कंटेनर को उतारने की कतर और भारत ने अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद आखिरकार यह रिसाव इतना बढ़ गया कि श्रीलंका तट के पास जहाज में आग लग गयी।
भारतीय तटरक्षक बल ने आग बुझाने में की मदद
श्रीलंकाई नौसेना के मदद मांगने पर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 26 मई को आग बुझाने के लिए अपने जहाज ‘वैभव’ और ‘वज्र’ कोलंबो भेजे। आग से घिरे जहाज पर दोनों ओर से लगातार 24 घंटे एएफएफएफ घोल और समुद्री पानी का छिड़काव किया गया। इसके बावजूद एमवी एक्स-प्रेस पर्ल सैकड़ों टन रसायनों और प्लास्टिक के साथ 13 दिनों तक जलता रहा।
जहाज पर चालक दल के सदस्यों को बचाया गया
आखिरकार दोनों देशों के प्रयास से 01 जून को जहाज की आग पूरी तरह से बुझाने में कामयाबी मिली। जहाज के 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल थे, जिन्हें पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया था। 13 दिनों तक जलते रहने के बाद आग बुझने के 24 घंटे के भीतर सिंगापुर का कंटेनर जहाज 02 जून को श्रीलंका तट पर डूब गया था। आग बुझाने के दौरान कोलम्बो तट पर बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का मलबा भर गया। समुद्र में समा गए जहाज के ईंधन टैंक में मौजूद 278 टन बंकर तेल और 50 टन गैस हिन्द महासागर में लीक होने का खतरा पैदा हो गया है।
हाइड्रोग्राफिक जहाज आईएनएस सर्वेक्षक का काम जारी
वहीं अब श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर भारतीय नौसेना का हाइड्रोग्राफिक जहाज आईएनएस सर्वेक्षक कोलम्बो तट पर पहुंचा है। यह जहाज उस जगह पर पानी के भीतर सर्वेक्षण कर रहा है जहां एमवी एक्सप्रेस पर्ल श्रीलंका के तट पर डूब गया था। राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान एवं विकास एजेंसी (एनएआरए) और हाइड्रोग्राफिक कार्यालय, श्रीलंका नौसेना के समन्वय में हवाई सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण नौकाओं और हवाई टोही के लिए इंटीग्रल हेलो के साथ सर्वेक्षण को आगे बढ़ाया जा रहा है। भारतीय नौसेना के हाइड्रोग्राफिक सर्वे जहाज आईएनएस सर्वेक्षक ने बड़ी संख्या में जलमग्न वस्तुओं का पता लगाया है।
श्रीलंका सरकार ने जारी की चेतावनी
डूबे जहाज का मलबा लगातार श्रीलंका तट पर बह कर आ रहा है जिसके बाद नागरिकों को इस जहरीले मलबे से दूर रहने की चेतावनी श्रीलंका सरकार द्वारा जारी कर दी गयी है।