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female-locomotive-driverभारत की महिलाओं ने अपने कर्म से न सिर्फ देश का बल्कि दुनिया का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। देश की पहली लोकोमोटिव महिला ट्रेन ड्राइवर ​(Female Locomotive Driver) मुमताज एम. काजी का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। लगभग 30 साल से मुमताज देश के सबसे व्यस्त रूट पर ट्रेन दौड़ा रही हैं। वह मुंबई सेंट्रल रेलवे पर करीब 700 पुरुष मोटरमैन के बीच अकेली मोटरवुमेन है। वह आज भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं, लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं था। फिर भी उम्मीद का दामन थामे अने कर्तव्य पथ पर चल रही ​मुमताज आज उन तमाम महिलाओं के लिए मिसाल हैं, जो कुछ करने की चाह रखती हैं और अपना रास्ता खुद बनाने की सोच रखती हैं।

मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली मुमताज के लिए यह सब इतना आसान नहीं था। उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। आज ​मुमताज एम. काजी भारत की ही नहीं, बल्कि एशिया की पहली महिला ट्रेन इंजन चालक हैं​।

…जब पिता ने किया विरोध
मुमताज एम. काजी का जन्म और पालन-पोषण व्यावसायिक राजधानी मुंबई के एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार में हुआ। उन्होंने 1989 में सांताक्रूज के सेठ आनंदीलाल रोडर हाई स्कूल से स्नातक किया। मुमताज के पिता अल्लारखू इस्माइल काथावाला ​रेलवे में वरिष्ठ अधिकारी थे। मुमताज ने स्नातक करने के बाद अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, पूर्णकालिक ट्रेन चालक के रूप में अपना करियर बनाने का फैसला लिया। उनके पिता का कहना था कि आजतक ये नौकरी केवल पुरुष ही करते आ रहे हैं, ऐसे में मुमताज का इस क्षेत्र में जाना सही नहीं होगा। पिता ने मुमताज को मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में कोर्स पूरा करने की सलाह दी लेकिन मुमताज अपनी जिद पर अड़ी रही। पिता के जमकर विरोध करने पर भी कुछ पारिवारिक मित्रों और रेल अधिकारियों ने मुमताज के सपनों को आगे बढ़ने का हौसला दिया। आखिरकार अपनी बेटी की जिद के आगे उन्हें हार माननी पड़ी।​​

पहली बार 20 वर्ष की ​उम्र में ट्रेन चलाई
​आखिरकार मुमताज एम. काजी ने स्नातक होने के बाद वर्ष 1989 में इंजन ड्राइवर के पद के लिए आवेदन किया। वह लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों में ही अव्वल आईं। रेलवे में नौकरी के दौरान 1995 में मुमताज का चयन पहली महिला डीजल इंजन ड्राइवर के रूप में किया गया, जिसके बाद उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। ​मुमताज ​ने 1991 में ​20 वर्ष की ​उम्र में पहली बार ट्रेन चलाई थी​​ और 1995 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा उन्हें पहली एशियाई महिला लोकोमोटिव ड्राइवर के रूप में मान्यता मिली। वह भारत के पहले और सबसे भीड़भाड़ वाले रेलवे मार्ग छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-ठाणे खंड पर उपनगरीय लोकल ट्रेनों का संचालन करती हैं।​​​

मुमताज को मिला ​’​नारी शक्ति पुरस्कार​’​
​मुमताज एम. काजी भारत की ही नहीं, बल्कि एशिया की पहली महिला ट्रेन इंजन चालक हैं​।​ उन्हें 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिला दिवस पर मुमताज को ​’​नारी शक्ति पुरस्कार​’​ से सम्मानित किया। यह पुरस्कार भारत में महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देते हुए प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस ​पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये की राशि और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है​​​​​।​​ मुमताज की एक और खासियत यह है कि वह पहली ऐसी ड्राइवर हैं, जो डीजल और इलेक्ट्रिक दोनों तरह के इंजन चलाना जानती हैं। हालांकि वह पिछले कई साल से इलेक्ट्रिक मोटरवुमेन के तौर पर काम कर रही हैं। उन्हें भारतीय रेलवे से 2015 में रेलवे महाप्रबंधक पुरस्कार भी मिला।

दो भाइयों को इंजीनियर बनाकर विदेश भेजा
मुमताज के पति मकसूद काजी विद्युत इंजीनियर हैं और इनके दो बच्चे भी हैं। मुमताज नौकरी के साथ-साथ अपने परिवार का बखूबी ख्याल रखती हैं। वह तड़के उठने के बाद अपने घर के काम-काज निपटाने और खाना तैयार करने के बाद ही सुबह 6 बजे अपने घर से ड्यूटी के लिए निकल जाती हैं। नौकरी करने के साथ-साथ मुमताज न केवल अपनी ससुराल का ख्याल रखती हैं बल्कि अपने पिता के घर का भी पूरा ध्यान रखती हैं। मुमताज की वजह से ही उनके दोनों भाइयों ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और अब​ वे दोनों विदेश में नौकरी कर रहे हैं।

Vishal Sharma
Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.

By Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.